श्वसन वह जैविक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें प्राणी वायुमंडल से ऑक्सीजन ग्रहण करते है और उसे कार्बन डाई-ऑक्साइड के रूप में छोड़ते है। इन गैसो का आदान-प्रदान फेफड़ों के द्वारा होता है। फेफड़ों में ऑक्सीजन रक्त के लाल रक्त कण के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाते है तथा रक्त में उपस्थित कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त होकर फेफड़े के द्वारा बाहर निकल लाती है।
श्वसन तंत्र द्वारा शरीर की प्रत्येक कोशिका ऑक्सीजन की सम्पूर्ति प्राप्त करती है तथा साथ-ही-साथ ऑक्सीकरण उत्पादकों से मुक्त हो जाती हैं। इस पूरी प्रक्रिया को 4 भागों में बाँटा जा सकता है
ब्राहा श्वसन :- इस प्रकार की श्वसन क्रिया फुफ्फुसों में ही सम्पन्न होती है. इसलिए इसे फुफ्फुस श्वसन भी कहते है। इसमें ऑक्सीजन का रुधिर में सम्मिलित होना और कार्बन डाई ऑक्साइड का रुधिर से बाहर निकलना सम्मिलित है।
(1) गैसो का परिवहन:- श्वसन अंगों से प्राप्त ऑक्सीजन विभिन्न ऊतको तक संवहन करना तथा इसके बदले में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO₂) श्वसन अंगों तक वापस आना. गैसो का परिवहन कहलाता है।
(2) आंतरिक श्वसन :- ऊतक द्रव्य एवं रुधिर के बीच होने वाली गैसीय विनिमय अन्तःश्वसन कहलाता है। अतः श्वसन में रुधिर में उपस्थित हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से संयुक्त होकर ऑक्सी हीमोग्लोबिन बनाता है, जो संचरित होता है और अन्ततः कोशिकाओं तक पहुँचाता है।
(3) कोशिकीय श्वसन :- इस श्वसन में रासायनिक क्रियाओ के फलस्वरूप कोशिकाओं में भोजन या ईधन पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है. फलस्वरूप ऊर्जा की अवमुक्ति होती है। कोशिकीय श्वसन दो प्रकार से होता है (1) ऑक्सी श्वसन (2) अनाक्सी श्वसनी।
- ऑक्सी श्वसन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है जबकि अनॉक्सी श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। बिना ऑक्सीजन के मासपेशियों में लैक्टिक अम्ल और बैक्टीरियों एवं यीस्ट की कोशिकाओं में इथाइल एल्कोहाल में विघटित हो जाता है। इस शर्करा किण्वन भी कहते हैं।
- अनाक्सी श्वसन के अन्त में पाइरुविक अम्ल बनता है।
- ऑक्सीजन का परिवहन मुख्यत: रुधिर में पाये जाने वाले लाल वर्णक हीमोग्लोबिन द्वारा होता है। हिमोग्लोवीन रुधिर की लाल रुधिर कणिकाओं के अंदर उपस्थित रहता है। इसकी अनुपस्थिति में श्वसन क्रिया असम्भव है।
- हीमोग्लोबिन दो भागों से मिलकर बनता है प्रथम भाग - हीमेटीन या हीम कहलाता है। हीम एक आयरन पाइफाइरिन होता है। इसके केन्द्रक में एक लौह परमाणु रहता है। दूसरा भाग - ग्लोबिन जो 95 प्रतिशत होता है। यह एक रंगहीन प्रोटीन है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से संयुक्त होकर एक अस्थायी यौगिक ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है।
- हीमोग्लोबिन बैंगनी रंग का होता है जबकि ऑक्सी हीमोग्लोबिन चमकदार लाल रंग का होता है।
- कार्बन डाई ऑक्साइड का परिवहन कोशिकाओं से फेफड़ों तक हीमोग्लोबिन के द्वारा केवल 10 से 20 प्रतिशत तक ही हो पाता है।
- इस प्रकार यह लगभग 23 प्रतिशत CO₂का परिवहन करता हैं।
- मनुष्य में सांस लेने की दर 12- 15 बार मिनट होती है।
- सामान्य श्वसन के दौरान लगभग 1500ml वायु फेफड़ो में हर समय भरी रहती है ।
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