प्रस्तावना-
अपने विचारों को डिजिटल मीडिया या एक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकाशित करना ब्लॉग लेखन कहलाता है। दूसरे शब्दों में विषय विशेष पर लिखे गए लेख को वेबसाइट पर प्रकाशित करने की प्रक्रिया को ब्लॉग लेखन कहते हैं। ब्लॉग को हिन्दी में चिट्ठा, ब्लोगिंग को चिट्ठाकारी तथा ब्लॉगर को चिट्ठाकार कहते हैं। ब्लॉग अपना विचार, अपना मत व्यक्त करने का एक डिजिटल माध्यम है। ब्लॉग लेखन में शब्द संख्या का बंधन नहीं होता। हम अपनी बात को जितना विस्तार देना चाहें, दे सकते हैं। लेकिन छोटे ब्लॉग अधिक पढ़े जाते हैं। अखबार, पत्रिका या पुस्तक हाथ में लेकर पढ़ने के स्थान पर उसे कंप्यूटर, टैब या सेलफोन पर पढ़ना डिजिटल माध्यम कहलाता है। इसके कारण वर्तमान में लेखक और पत्रकार भी वैश्विक या ग्लोबल हो गए हैं। इस माध्यम के द्वारा पूरी दुनिया की कोई भी जानकारी क्षण भर में ही परदे पर उपलब्ध हो जाती है। मुद्रित माध्यम के पाठकों की तुलना में डिजिटल माध्यम के पाठकों की संख्या बहुत अधिक है। इसमें युवा वर्ग अधिक संख्या में है। ब्लॉग पर हम अपने विचार या किसी विषय पर जानकारी लिख सकते हैं और उस जानकारी को लोगों के साथ साझा भी कर सकते हैं। आजकल ब्लॉग का मतलब केवल अपने विचार साझा करना नहीं है, ब्लॉग से जीविका भी अर्जित की जा सकती है। इसके माध्यम से व्यवसाय में वृद्धि भी की जा सकती है। आजकल बहुत से लोग ब्लॉगिंग (चिट्ठाकारी) करके जीविका अर्जन कर रहे हैं।
ब्लॉग लेखन का इतिहास - सन 1994 में जस्टिन हॉल ने सबसे पहले ब्लॉग शब्द का प्रयोग किया। ब्लॉग पर वे अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी बातें लिखा करते थे तथा ब्लॉग को एक डायरी के रूप में उपयोग करते थे। जॉन बर्गर ने ब्लॉग के लिए वे ब्लॉग शब्द का प्रयोग किया था। जॉन बर्गर रोबोट विजडम नाम के ब्लॉग के संपादक थे। माना जाता है कि 1999 में पीटर मेरहोल्स ब्लॉग शब्द को व्यवहार में लाएं!
सन 1999 में ही ब्लॉगर नाम का पहला ब्लॉग प्लेटफार्म बनाया गया, जिस पर लोग बिना कोडिंग किए ब्लॉग लिख सकते थे। भारत में 2002 के बाद ब्लॉग लेखन आरंभ हुआ और देखते-देखते यह माध्यम लोकप्रिय हो गया। साथ ही इसे अभिव्यक्ति के नए माध्यम के रूप में मान्यता भी प्राप्त हुई। 2003 में गूगल ने ब्लॉगर और एडसेंस को खरीद लिया, इसी वर्ष वर्डप्रेस को लांच किया गया। 2007 में माइक्रो ब्लॉगिंग का विचार सामने आया, जिस पर लोग टेक्स्ट के साथ इमेज और वीडियो भी साझा कर सकते थे, यहां तक कि लोग एसएमएस और ई-मेल से भी पोस्ट प्रकाशित कर सकते थे। यह दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाला सोशल प्लेटफॉर्म था। 2007 से अब तक ब्लॉगिंग (चिट्ठाकारी) का दायरा बहुत बढ़ गया है। अब यह एक डायरी से आगे निकलकर फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़कर जन-जन तक पहुंच गया है।
एक अध्ययन के अनुसार पूरे इंटरनेट पर मौजूद ब्लॉग की संख्या 44 करोड़ से भी अधिक है। इन ब्लॉग्स पर हर महीने 70 करोड़ से भी ज्यादा पोस्ट लिखे जाते हैं, हर महीने लगभग 40 करोड़ से भी ज्यादा लोग इन ब्लॉग्स को पढ़ते हैं। ब्लॉग को किसी एक व्यक्ति या टीम के द्वारा संचालित किया जा सकता है, बड़े-बड़े कॉरपोरेट ब्लॉगिंग की दुनिया में आ चुके हैं, वे अपने ब्लॉग पर टिप्पणियां साझा करते हैं इस कार्य के लिए वे कई लोगों की टीम रखते हैं, ब्लॉग पोस्ट को सोशल मीडिया फेसबुक, टि्वटर,व्हाट्सएप आदि पर साझा किया जाता है।
ब्लॉग लेखन : उद्देश्य-
ब्लॉग लेखन के निम्नलिखित उद्देश्य हो सकते हैं-
1. ब्लॉग लेखन का उद्देश्य अपनी जानकारियों को साझा करना
2. धन-अर्जन करना
3. लेखक के रूप में यश प्राप्त करना
4. व्यापार को आगे बढ़ाना
5. दूसरों की मदद करना
ब्लॉग लेखकों के प्रकार -
सामान्यतः ब्लॉग लेखक निम्नलिखित तीन प्रकार के हो सकते हैं-
स्वैच्छिक ब्लॉगर - अपनी रुचि या हॉबी से जुड़ी जानकारियां साझा करने वाले ब्लोगर स्वैच्छिक ब्लॉगर कहलाते हैं। ये ब्लॉगर ऐसे विषयों ब्लॉग लिखते हैं, जिनमें उनकी रुचि होती है।
अंशकालीन ब्लॉगर- नौकरी करने वाले लोग या विद्यार्थी अपने खाली समय में ब्लॉग लेखन करते हैं,इससे उनके समय का सदुपयोग भी होता है और बदले में कुछ आय भी हो जाती है।
पूर्णकालिक व्यावसायिक ब्लॉगर - कुछ ब्लॉग लेखक ऐसे होते हैं जो पूर्णकालिक ब्लॉगर की तरह ब्लॉग लेखन करते हैं। अपने लक्ष्य समूह के लिए निरंतर गुणवत्तापूर्ण लेखन करते रहते हैं, उनकी साइट पर धीरे-धीरे ट्रैफिक बढ़ता है और फिर भी विज्ञापनों के आने से धन का अर्जन करने लगते हैं। व्यावसायिक ब्लॉग लेखक पूर्णकालिक ब्लॉगर होते है। व्यावसायिक ब्लॉग लेखक किसी कारपोरेट या संस्था के लिए काम करते हैं, इनका मुख्य काम ब्रांड का प्रमोशन कर व्यापार को बढ़ाना होता है।
ब्लॉगर के प्रमुख कार्य-
ब्लॉग लेखन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य निम्नानुसार हैं -
ब्लॉग लेखन हेतु कार्य योजना बनाना, विषय का चयन करना, लेख/आर्टिकल के लिए शोध करना, ब्लॉग के अनुरूप सही इमेज का चयन करना, उसे एडिट करना, जरूरत पड़ने पर अपने ब्लॉग को डिजाइन करना, साइट की स्पीड और अन्य समस्याओं को ठीक करना, अपने ब्लॉग के लिए फेसबुक और अन्य प्लेटफार्म पर फैन पेज बनाना, ब्लॉग पोस्ट को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा करना, अपने टॉप ब्लॉग पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करना, टिप्पणी\कमेंट का जवाब देना और अनावशयक कमेंट को हटाना, अन्य लेखको के ब्लॉग को पढ़ना और सिखाना, गेस्ट पोस्टिंग करना, अर्थात् दूसरों के ब्लॉग़ पर पोस्ट लिखना, अन्य ब्लॉगर्स के साथ संबंध स्थापित करना तथा एक दुसरे का समर्थन करना,विज्ञापन स्पॉन्सरशिप और अन्य तरीकों से अपने ब्लॉग को मोनेटाइज करने के रास्ते ढूंढना, ट्राफिक और अन्य आंकड़ों का विश्लेषण करना, अपने पाठकों के संपर्क में रहना अधिक से अधिक लोगों तक ब्लॉग पहुंचाने की योजना बनाना आदि।
ब्लॉग के विषय -
फैशन, फूड फिटनेस,समाचार, लाइफस्टाइल,खेलकूद,फिल्म,फाइनेंस,राजनीत, व्यापार आदि अनेक विषय हो सकते हैं।
ब्लॉग बनाने के लिए आवश्यकताए-
ब्लॉग लेखन से पहले यह तय करना आवश्यक होता है कि किस विषय पर ब्लॉग लिखा जाए, इसके बाद एक प्लेटफार्म तैयार करना होता है, जहां अपने आर्टिकल को पोस्ट किया जा सके। इस काम के लिए डोमेन नेम की आवश्यकता पड़ती थी - वेब होस्टिंग डिमेट नेम का मतलब एक वेब एड्रेस है, जिसके माध्यम से ब्लॉग को देखा जा सकता है। इस कार्य के लिए वेब एड्रेस खरीदना होता है, इसी को डोमेन नाम से जाना जाता है, इसके लिए कुछ राशि भी व्यय करनी पड़ती है। अगर ब्लॉग लेखन के लिए राशि व्यय न करनी हो तो blogger.com का उपयोग किया जा सकता है, जो कि गूगल का ही एक फ्री ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म है, ब्लॉग लेखन का प्रारंभ करने वाले लेखकों के लिए यह उपयोगी है।
ब्लॉग प्रारंभ प्रकाशित करने की प्रक्रिया-
यह एक तकनीकी प्रक्रिया है। इसके लिए डोमेन अर्थात ब्लॉग के शीर्षक को पंजीकृत कराना होता है। इसके बाद उसे किसी सर्वर से जोड़ना पड़ता है। उसमें अपनी विषय सामग्री समाविष्ट करके हम इस माध्यम का प्रयोग कर सकते हैं। विज्ञापन, फेसबुक, वॉट्सऐप, एस. एम. एस. आदि द्वारा इसका प्रचार होता है। आकर्षक चित्रों, छायाचित्रों के साथ विषय सामग्री यदि रोचक हो तो पाठक ब्लॉग की प्रतीक्षा करते हैं। ब्लॉग लेखक के पास लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए बहुत-से विषय होने चाहिए। विपुल पठन, चिंतन तथा भाषा का समुचित ज्ञान होना आवश्यक है। भाषा सहज और प्रवाहमयी हो तो पाठक उसे पढ़ना चाहते हैं। साथ ही लेखक के पास विषय से संबंधित संदर्भ, घटनाएँ और अनुभव की प्रमाणिकता हो तो ब्लॉग पठनीय होगा। यदि विशिष्ट क्षेत्र या विशिष्ट व्यक्ति के संदर्भ में ब्लॉग लिखा जा रहा है तो उस क्षेत्र / व्यक्ति ने कैसे प्रभावित किया? उसकी उपयोगिता क्या है? सम्बंधित व्यक्ति का मानवीय पक्ष जो उसे दूसरों दूसरों से अलग करता है, क्या है? दया, क्षमा, करुणा आदि उसके मानव- मूल्य कैसे दूसरों को प्रभावित कर जाते हैं? आदि से संबंधित अनेक जानकारियां भी ब्लॉग में देनीहोंगी।
ब्लॉग बनाने की प्रक्रिया को निम्नानुसार समझा जा सकता है -
ब्लॉगर और वर्डप्रेस फ्री ब्लॉग के लिए दो प्रसिद्ध प्लेटफार्म हैं। ब्लॉगर गूगल का ही उत्पाद है। ये दोनों प्लेटफार्म ब्लॉग लेखन का प्रारंभ करने के लिए अच्छे हैं। ब्लॉगर पर ब्लॉग लेखन/प्रकाशन के लिए निम्नानुसार प्रक्रिया अपनाएं-
1.www.blogger.com पर जाएं।
2. ब्लॉग बनाने के लिए अपने ई-मेल अकाउंट से साइन इन करें।
3. इसके बाद एड्रेस लिखें, ब्लॉग एड्रेस मिलने पर 'दिस ब्लॉग ऐड्रेस इज अवेलेबल' दिखाई देगा।
4. इसके बाद थीम का चयन करें, थीम को बाद में बदला भी जा सकता है।
5. डिसप्ले नेम पर जाएं उसे कन्फर्म करें अब ' क्रिएट ब्लॉग ' पर क्लिक करते ही ब्लॉग बनकर तैयार हो जाएगा। अब टाइटल, एड्रेस, थीम, डिस्क्रिप्शन देते हुए चित्रों आदि के साथ ब्लॉग पर पोस्ट लिखकर पोस्ट प्रकाशित किया जा सकता है। इसे बनाने के लिए 'गूगल एडसेंस ' की जरूरत पड़ती है। गूगल एडसेंस ( विज्ञापन नेटवर्क) से जुड़कर ब्लॉग का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है।
ब्लॉग लेखन में सावधानियां -
1. ब्लॉग लेखन के विषय का चुनाव करते समय सामान्य सूझ बूझ का होना आवश्यक है।
2. ब्लॉग लेखन में इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि उसमें मानक भाषा का प्रयोग हो। व्याकरणिक अशुद्धियां न हो।
3. ब्लॉग लेखन के लिए प्राप्त स्वतंत्रता का उपयोग करना चाहिए। लेखन में मानव मूल्यों का संरक्षण अति आवश्यक है
4. यह भी ध्यातव्य है कि लेखन उदात्त हो। किसी की निंदा करना, किसी पर गलत टिप्पणी करना, समाज में तनाव की स्थिति उत्पन्न करना आदि बातों से ब्लॉग लेखक को दुर रहना चाहिए।
5. ब्लॉग की भाषा सरल सुबोध और प्रवाहपूर्ण होनी चाहिए। समाज को सुंदर बनाने का भाव भी भाषा में निहित होना चाहिए।
6. लेखक के द्वारा किसी व्यक्ति पर बिना प्रमाण के आरोप लगाना गंभीर अपराध है। ऐसी बातों से बचाना चाहिए।
7. ब्लॉग में विषयवस्तु और भाषा का एक स्तर होना चाहिए, पाठक स्तरहीन ब्लॉग - सामग्री को पढ़ना पसंद नहीं करते। ब्लॉग लेखकों को यह समझ लेना चाहिए ।
8. ब्लॉग लेखन में सामाजिक आचार-नियमों का पालन आवश्यक है।
9. ब्लॉग लेखक के पास विषय वैविध्य, विशद अध्ययन और विषय के रोचक प्रस्तुतीकरण की कला भी होनी चाहिए ।
ब्लॉग के प्रकार -
सामान्यतः ब्लॉग अनेक प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन सभी ब्लॉग को यदि श्रेणीबद्ध किया जाए तो ब्लॉग मुख्यतः आठ प्रकार के होते हैं -
1. निजी ब्लॉग (Personal Blog)
2. समूह ब्लॉग (Group Blog)
3. विषय या कोटि आधारित ब्लॉग (Niche Blog)
4. विविध विषयक ब्लॉग (Multi Niche Blog)
5. सूक्ष्म विषयक ब्लॉग (Micro Niche Blog)
6. कॉर्पोरेट ब्लॉग (Corporate Blog)
7. संबद्ध ब्लॉग (Affiliate Blog)
8. मीडिया ब्लॉग (Media Blog)
1. निजी ब्लॉग (Personal Blog)-
ऐसे ब्लॉग, जिनमें वैयक्तिक भावों, विचारों, या अनुभवों को साझा किया जाता है, निजी ब्लॉग कहलाते हैं। ये ब्लॉग व्यावसायिक नहीं होते, वैयक्तिक अभिव्यक्ति ही इनका मुख्य उद्देश्य होता है।
2. समूह ब्लॉग (Group Blog)-
समूह ब्लॉग का लेखन, प्रकाशन और प्रबंधन एक व्यक्ति के द्वारा नहीं अपितु एक टीम के किया जाता है. इस प्रकार के ब्लॉग लेखन का मुख्य उद्देश्य पैसे कमाना होता है। ये ब्लॉग में अनेक विषयों से सम्बद्ध हो सकते हैं। निजी ब्लॉग की तुलना में इस तरह के ब्लॉग अधिक मात्रा में प्रकाशित होते हैं।
3. विषय या कोटि आधारित ब्लॉग (Niche Blog)-
'Niche' का अर्थ विषय, श्रेणी या कोटि होता है, विषय या कोटि आधारित ब्लॉग में ब्लॉगर द्वारा केवल एक ही विषय, श्रेणी या कोटि के बारे में जानकारी अपने ब्लॉग में प्रदान की जाती है। इंटरनेट पर सबसे ज्यादा ब्लॉग विषय या कोटि आधारित ब्लॉग ही हैं। कुछ प्रचलित श्रेणी या कोटियाँ निम्नलिखित हैं-
- तकनीक आधारित ब्लॉग
- वित्त प्रबंधन पर आधारित ब्लॉग
- स्वास्थ संरक्षण पर आधारित ब्लॉग
- मनोरंजन पर आधारित ब्लॉग
- शिक्षा एवं ज्ञान पर आधारित ब्लॉग ब्लॉग
- खाद्य पदार्थों पर आधारित ब्लॉग
- डिजिटल मार्केटिंग पर आधारित ब्लॉग
- यात्रा संबंधी ब्लॉग
- खेलकूद संबंधी ब्लॉग
- समाचारों/ घटनाओं पर आधारित ब्लॉग
ब्लॉग लेखन शुरू करने से पहले ब्लॉग की श्रेणी या कोटि का चुनाव करना बहुत आवश्यक है।
4. विविध विषयक ब्लॉग (Multi Niche Blog)-
विविध विषयक ब्लॉग, विषय या कोटि आधारित ब्लॉग के एकदम विपरीत होता है। विषय या कोटि आधारित ब्लॉग में केवल एक ही श्रेणी या कोटि के ब्लॉग होते हैं, जबकि विविध विषयक ब्लॉग में अनेक विषयों के ब्लॉग होते हैं। विविध विषयक ब्लॉग में स्वास्थ्य तकनीक, शिक्षा, वित्त प्रबंधन, मनोरंजन, आदि अलग अलग श्रेणियों के ब्लॉग एक साथ उपलब्ध होते हैं।
5. सूक्ष्म विषय पर आधारित ब्लॉग (Micro Niche Blog)-
सूक्ष्म विषय पर आधारित ब्लॉग ऐसे ब्लॉग को कहा जाता है जो किसी एक श्रेणी के एक एक छोटे से विषय पर आधारित होता है। इस तरह के विशिष्ट ब्लॉग धनार्जन के लिए विशेष उपयोगी माने जाते हैं। एक उदाहरण से सूक्ष्म विषय पर आधारित ब्लॉग को समझते हैं उदाहरण के लिए ब्लॉग की एक श्रेणी - स्वास्थ्य है तो श्रेणी का सूक्ष्म या उपविषय ग्रामीण स्वास्थ्य या महिला स्वास्थ्य करते हुए यदि ब्लॉग लिखा जाए तो यह ब्लॉग सूक्ष्म विषय पर आधारित ब्लॉग कहलायेगा ।
6. कॉर्पोरेट ब्लॉग (Corporate Blog)-
कॉर्पोरेट ब्लॉग किसी कंपनी या संस्था से सम्बंधित होता है, जिसमें कंपनी के उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी होती है। इस प्रकार के ब्लॉग का प्रकाशन प्रबंधन सम्बंधित संस्था के द्वारा ही किया जाता है। अधिकतर कंपनियां अपने उत्पादों में बिक्री बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेट ब्लॉग बनावाती है। आजकल कंपनियों की अधिकृत वेबसाइट में ही ब्लॉग का विकल्प देखने को मिल जाता है।
7. संबद्ध ब्लॉग (Affiliate Blog)-
संबद्ध ब्लॉग भी ब्लॉग का ही एक प्रकार है। यह एक ऐसा ब्लॉग होता है, जिसमें ब्लॉगर अन्य कंपनी के उत्पाद की समीक्षा (Review) लिखकर कमीशन प्राप्त करते हैं। संबद्ध ब्लॉग में ब्लॉगर उत्पाद के बारे में लिखतकर उसमें अपनी लिंक जोड़ देते हैं, जब उपभोक्ता उस लिंक पर क्लिक करके उत्पाद खरीदता है, तो ब्लॉगर को भी कमीशन प्राप्त होता है।
8. मीडिया ब्लॉग (Media Blog)-
मीडिया ब्लॉग में मीडिया फाइल, वीडियो, इमेज आदि साझा किए जाते हैं मीडिया से सम्बद्ध होने के कारण ये ब्लॉग मीडिया ब्लॉग कहलाते हैं।
ब्लॉग लेखन के लाभ -
जिस प्रकार साहित्य लेखन से यश, धन और लोक व्यवहार का ज्ञान होता है उसी प्रकार ब्लॉग लेखन से भी इन सब की प्राप्ति होती है। निरंतर अध्ययन और अभ्यास से ब्लॉग लेखन कौशल विकसित कर पर्याप्त धन अर्जित किया जा सकता है ब्लॉग लेखन भी जीविकार्जन का माध्यम बन सकता है।
ब्लॉग के माध्यम से अपना ऑनलाइन व्यापार शुरू किया जा सकता है। अगर पहले से ही स्थापित व्यापार है तो इस व्यापार में ब्लॉग लेखन से ग्राहक वृद्धि की जा सकती है। ब्लॉग के माध्यम से सम्बंधित उत्पाद की जानकारी लोगों तक आसानी से पहुँच जाती है, टिप्पणी (कमेंट) के माध्यम से ग्राहकों के विचार भी शीघ्रता से पहुँचते हैं, इस त्वरित प्रतिपुष्टि (फीडबैक) के आधार पर उत्पाद की कमियों को दूर कर व्यापार को और अधिक उन्नत किया जा सकता है। ब्लॉग लेखन के अन्य लाभ निमानुसार हैं-
1. एक ब्लॉगर बनने से लेखन कौशल विकसित होता है।
2. ब्लॉग लेखक अपने क्षेत्र में एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित हो सकते हैं।
3. ब्लॉग लेखक अपना एक ऑनलाइन नेटवर्क बना सकते हैं।
4. अपने ई-मेल सब्सक्रिप्शन आप्शन की मदद से आप ढेर सारे ई-मेल सब्सक्राइबर भी पा सकते हैं।
5. ब्लॉग के माध्यम से कई प्रकार के उत्पाद (ई-बुक्स आदि) बेचे भी जा सकते हैं।
6. ब्लॉग लेखन से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, रचनात्मकता में वृद्धि होती है।
7. ब्लॉग लेखक अन्य लोगों को प्रेरित करते हुए नए व्यावसायिक अवसरों का सृजन भी कर पाते हैं।
8. ब्लॉग लेखन भी एक उद्यम है, इससे उद्यमिता का विकास होता है
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