उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)

उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)

 उत्सर्जन तंत्र(Excretory system)

 ➽ मनुष्य में विकसित उत्सर्जन तंत्र पाया जाता है. जिसके द्वारा वह नाइट्रोजन उत्सर्जी पदार्थो को शरीर बाहर निकालना है, जैसे यूरिया अमोनिया, यूरिक अम्ल आदि।
 ➽ वृक्क – मानव का मुख्य उत्सर्जी अंग वृक्क है। वृक्क पेरिटोनियम नामक झिल्ली से घिरा होता है।
 ➽ यह उदर गुहा में गहरे लाल रंग के चिकने सेम के बीच की आकृति के उदर गुहा के पृष्ठ भाग में डायाफ्राम के नीचे कशेरुक दण्ड के दोनों ओर स्थित होते हैं।
 
उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)

 

उत्सर्जन तंत्र (Excretory system)

 ➽ इसके दो भाग होते है – बाहरी भाग को कॉर्टेक्स तथा भीतरी भाग को मेडूला कहते है।
 ➽ प्रत्येक वृक्क लगभग 1 मिलियन वृक्क नलिकाओं से मिलकर बना है. जिन्हें नेफ्रांस कहते हैं।
 ➽ वृक्कों का मुख्य कार्य रक्त की प्लाज्मा को छानकर शुद्ध बनाना अर्थात इसमें से अनावश्यक और अनुपयोगी पदार्थों को जल की कुछ मात्रा के साथ मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकालना है।
 ➽ वृक्क में प्रति मिनट 125 मिली. अर्थात् दिन भर में 180 लीटर रक्त निस्पंदन होता है।

अन्य उत्सर्जी अंग

➤ त्वचा — इसमें पायी जाने वाली तेलीय एवं स्वेद ग्रन्थियों क्रमशः यूरिया एवं पसीने का स्त्रावण करती है।

 ➤ फेफड़े— यह दो प्रमुख गैसीय उत्सर्जी पदार्थों कार्बन डाइऑक्साइड और जलवाष्प का उत्सर्जन करते है।
 ➤ यकृत — यकृत कोशिकाएँ आवश्यकता से अधिक अमीनों अम्लों तथा रुधिर की अमोनिया को यूरिया में परिवर्तित करके उत्सर्जन में मुख्य भूमिका निभाते है।
 ➤ यकृत तथा प्लीहा कोशिकाएँ, टूटी-फूटी रुधिर कोशिकाओं को विखंडित कर इन्हें रक्त प्रवाह से अलग करती है।
 ➤ ऑत अनपचे भोजन को शरीर से बाहर निकालकर उत्सर्जन में मदद करती है।
 ➤ सामान्य मूत्र में 96 प्रतिशत जल. 2.7 यूरिया, 2 प्रतिशत लवण एवं 0.3 प्रतिशत यूरिक अम्ल होते है।
 ➤ मूत्र का रंग हल्का पीला यूरोक्रोम के कारण होता है। यूरोक्रोम हीमोग्लोबिन के विखंडन से बनता है।
 ➤ मूत्र अम्लीय होता है. इसका pH मान 6.0 होता है।
 ➤ एक स्वस्थ मनुष्य एक दिन में लगभग 1.5 लीटर पेशाब करता है और लगभग 15 ग्राम अमीनों अम्ल का उत्सर्जन करता है।
 ➤ वृक्क में बनने वाली पथरी कैल्सियम ऑक्जेलेट की बनी होती है।
 ➤ मूत्रस्त्राय की मात्रा बढ़ जाने को ड्यूरेसिस कहते है। वे पदार्थ जो असको क्रियान्वित करते है उनको ड्यूरेटिक कहा जाता है। यूरिया ड्यूरेटिक है।
 ➤ सामान्य मनुष्य का रक्त दाय 120/80mm hg होता है।
 ➤ रक्तदाब मापने वाले यंत्र को स्फिग्मोमैनोमीटर कहा जाता है।
 ➤ थायरॉक्सिन एवं एड्रीनेलिन स्वतंत्र रूप से हृदय की धड़कन की नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन है।
 ➤ रक्त लाल रंग का चिपचिपा तरल है। एक स्वस्थ मनुष्य में 5 से 6 लीटर तक रुधिर पाया जाता है।
 ➤ रक्त हल्का क्षारीय होता है. इसका pH मान 7.4 होता है।
 ➤ स्तनधारी प्राणियों में ‘ऊट’ ही ऐसा प्राणी है, जिसकी लाल रुधिर  कणिकाओं में केंद्रक पाया जाता हैं।
 ➤ रुधिर प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स की संख्या स्तनधारी के रुधिर वर्ग में 2 से 5 लाख प्रति घन मिमी होती हैं यह रुधिर का थक्का बनाने में मदद करती है।
 ➤ रक्त थक्का बनाने के लिए अनिवार्य प्रोटीन फाइबिनोजन है।
 ➤  रुधिर प्लाज्मा के  प्रोथ्राम्बिन तथा फाइब्रिनोजन का निर्माण यकृत में में विटामिन K की सहायता से होता है। विटामिन k रक्त का थक्का बनाने में सहायक होता है। सामान्यतः रक्त का थक्का 2-5 मिनट मे बन जाता है।
Avatar photo

Rajkumar logre

Hello friends, my name is Rajkumar Logre, I am the Writer and Founder of this blog and share all the information to education purpose, through this website.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *